Tuesday, April 19, 2011

Farewell...


These few lines are dedicated to all my passing out seniors. We'll miss you a lot. Through this poem i have tried to convey what  Our hall   wants to tell you as its last message...



मैं एक पराव था तेरा,
तुझे जीवन में कुछ पाना.
तेरी राहों में हो खुशियाँ,
तू कामियाब हो इतना.

फिर भी कभी जीवन में, तेरे आए कोई उलझन.
तेरा हिम्मत बढ़ाएगा, ये गुजरा TEMPO का ज़माना.

वो common room की practice,
वो sports में मचाना.
रातों को जागकर साथ,
illu में, hall सजाना.

ये दिन आयेंगे तुझको याद, तू चाहे जहाँ जाये.
याद बन जायेंगे तब अश्क, पर उनको न बहाना.

मेरा अस्तित्व है तुमसे,
कभी मुझको न भुलाना.
गर मेरी याद कभी आये,
तुम वापस लौट के आना.

तेरी यादों को संजोए, मैं तेरी राह ताकूंगा.
की हर दीवार पर मेरे, होगा तेरा ही फ़साना.
 की हर दीवार पर मेरे, होगा तेरा ही फ़साना.......

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