Wednesday, February 9, 2011

उनकी वो एक झलक...


आज उनसे मिली हमारी नज़रें कुछ इस तरह,
सुखी धरा मिलती है सावन की बूंदों से जिस तरह.
उस पर से उनका वो मुस्कुराना,
जैसे बारिश के बाद, आकाश में छा गया हो इन्द्रधनुष सुहाना.

अब तो उनकी वो एक झलक दिल में बस गयी है,
उनकी यादें रातों को जगाने लगी है.
तन्हाई में रोने लगा है ये दिल हमारा,
जो कल तक तो था अपना, आज हो गया पराया.

वो हैं तो हमसे दूर, पर उनकी वो एक झलक हमारे पास है.
हमने तो अपना सब कुछ लुटा दिया है उन पर,
मगर अभी भी लगता है इस दिल में बचा कुछ खास है.
वो गुजरी थी हमारे करीब से उस दिन,
बस उनके बदन की मदहोश खुसबू का एहसास है.

उनके बिना, जीने की चाहत मिट सी गयी है,
अब बस उनके गोद में सर रख कर हमेशा के  लिए सोने को जी करता है.
तन्हाई में आहें और कब तक भरे ये दिल,
अब उनसे लिपट कर एक बार रोने को जी करता है.

सब कहते हैं हमे इश्क हो गया है,
हम पर उनके प्यार का नशा छा गया है.
कैसे समझाए हम सबको कितनी मेरी प्यार की गहराई है,
ये इश्क नही इबादत है, हमारी आत्मा तो बस उनकी परछाई है.

खुदा कुछ ऐसा करिश्मा कर,
की हमारी उनसे फिर से मुलाकात हो.
नशा उन पर भी छा जाये मेरे प्यार का ऐसे,
की होठ चुप रहे और आँखों से बात हो.
दोनों खो जाये मोहब्बत के समुन्दर में ऐसे,
और कुछ न हो आस-पास, बस हम वो और हमारे ज़ज्बात हो.

1 comment:

  1. Dunno about yours BUT......

    I have no regrets.
    I will never regret loving someone(the only one)
    because the feeling of love for five minutes
    is greater than an eternity of hurt.

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