तेरी चाहत में मैं आज,
अपनों के ही बीच खो गया.
अपनों के ही बीच खो गया.
एक अँधेरी सी दुनिया है बची,
जिसमे सदा के लिए सो गया.
हमने संग मिलकर कभी,
कुछ हसीं सपने थे बुने.
तू कैसे भूल गयी वो पल,
जब प्यार के वादे थे किये.
तुने बीच सफ़र में ही,
क्यूँ साथ मेरा छोड़ दिया.
दर्द बढ़ता ही गया दिल का,
ख़ुशी ने भी रुख मोर लिया .
मेरे नसीब में तू नहीं,
तुझसे मैं नहीं हूँ खफा.
गिला बस इस बात से है की तुने,
दिल तोड़ा, यूँ करके वफ़ा.
बस एक दुआ है अब रब से ,
तुझे भी कभी मेरी याद आएगी.
तू भी बेचैन होकर तब,
मेरी तस्वीर सीने से लगाएगी.
जब नज़र आएंगी मेरी निशानियाँ,
अपने दामन में उन्हें छिपाएगी .
आँख भर आएगी, लैब थरथराएंगे,
तू चाह कर भी तब रो न पायेगी.
तेरी नज़रें ढूंढेंगी मुझे,
तू खुद को तब रोक न पायेगी.
मेरी मोहब्बत का है इम्तेहान यही,
तू लौटकर मेरी बाँहों में आएगी.
तू लौटकर मेरी बाँहों में आएगी......