Tuesday, June 28, 2011

दोस्ती...



रिश्तों नातों का बुना है ताना बना,
खुदा ने बड़े सिद्दत से बनाया ज़माना.
नेमतें बक्क्षी हैं हज़ार लेकिन,
सबसे हसीं बनाया है याराना.

दिल के राज़ रह जाते दफ़न दिल में,
अगर ज़िन्दगी में न होता ये दोस्ताना.
आँखों में छुपे गम जान लेते हैं दोस्त,
उनके आगे चलता नहीं कोई भी बहाना.

हर पल को रंगीन बना देते हैं वो,
हमारी ख़ुशी के लिए लुटा दे प्यार का खज़ाना.
हम जो रूठे तो मानते हैं गालियाँ देकर,
और फिर कहेंगे 'साले अब तो गले लगाना'.

दोस्तों के साथ बिताये पल के क्या कहने,
जहाँ जमी महफ़िल वही धूम मचाना.
exam से एक रात पहले दिखायेंगे सिनेमा,
फिर अगले दिन हंस कर कहेंगे जा मचा कर आना.

पर एक विषय है जिसके ये विशेषज्ञ हैं,
हज़ार तरीके बताएँगे की कैसे बंदी पटाना .
दिखेगी अगर कोई मस्त item तो कहेंगे,
"ध्यान से देख ले इसी को है तेरी भाभी बनाना."

इन्ही प्यारी बातों से सजी है अपनी दुनिया,
इस दोस्ती की दुनिया को कभी न उजड़ने देना.
जो हर सुख दुःख में साथ रहे तुम्हारे,
उन अनमोल दोस्तों को कभी न भुलाना.

उनकी यादों को सदा दिल में बसाये रखना,
दोस्ती निभाना ऐसे की जैसे कृष्ण और सुदामा.
अब ये मत पूछना ये सुदामा कौन थे ?
खैर पूछ लो ! आखिर ये है नया ज़माना,
जहाँ छाया है Jhon-Abhi का 'Dostana'.

भरोसे पे टिका है ये दोस्ती का रिश्ता,
किसी अनजान की बातों में न आना.
दोस्तों का साथ जो रहेगा हमेशा,
जीवन में गम का न होगा कोई ठिकाना.

सच कहता हूँ मेरे यारों तुम्हे,
दोस्तों के बिना हर ख़ुशी है सुना-सुना.
पा लोगे मुश्किल से मुश्किल मंजिल मगर,
बड़ा मुस्किल है दोस्ती की दौलत कमाना.